देश में भारत माता का सीना चल्नी करने अब आतंकियो की जरूरत नहीं हमारे देश के भीतर ही आतंकी अपराधी जन्म ले चुके है ।
यह आतंकी बेगुनाह बालिकाओ मासुम बच्चियो को अपना निशाना बना रहे है , कभी यह मददगार बन गुमराह करते है तो कभी एक शिक्षक बन बच्ची को अपना आहार बना निकल रहे है, भारत के अलावा ऐसी घटना अमेरिका दुबई अन्य देशो मे कम होती है या ना के सामान्य घटित होती है इसका सबसे बड़ा कारण सक्त कानून व्यवस्था है,
हमारे देश महान भारत मे बलात्कारियो को कड़ी सुरक्षा दी जाती है उन्हे इस तरह जेल ले जाया जाता है जैसे वे कोई महान काम करके लौटे हो ,
साथ ही इन बलात्कारियो के खिलाफ आवाज़ उठाने वालो को दबाया जाता है और दबाव बनाने वाला भी वो पृशासन होता है जिसे हमारी रक्षा का दायित्व सौपा गया है,
इलाहाबाद मे घटि घटना इनकी साक्षी है, कानून की वह महिला सिपाही जिन्हे महिला सुरक्षा हेतु तैनात किया आज वही कानून की रक्षक महिला पुलिस क्या बन गई महिलाओ की पीड़ा समझना ही भूल गई आज महिला सुरक्षा के नाम पर एक निदोष महिला पर अत्याचार कर रही है,
हम सुरक्षित है यह सवाल हर महिला जानना चाहेगी क्या हर महिला के हित मे उठाया जाने वाला ये सवाल गलत है,
देश में कानून व्यवस्था के अनुसार मुजरिमो को उचित कठोर दंड दिया जाये पर क्या इन बलात्कारियो को इतनी सुरक्षा देना गलत नही है ,
देश में आज वक़्त आ गया है असल जीवन से ज्यादा फिल्मो मे दि गई सजा देना सिखा जाये फिल्म बाहुबली या दृश्यम तो सभी को याद होगी,
पृशासन इतना किमती समय क्यो इन बलात्कारियो पर गया रही है जिस तरह बलात्कारी बेगुनाहो को चुटकी मे तबहा कर देते है, क्या हमारा पृशासन इतना कायर है जो एक बार मे इन्हें सज़ा नही दे सकता ,,इन मुजरिमो को आखिर क्यो हिफाज़त से रखा था रहा है।
क्यो बीच चौराहे पर इन्हें जिन्दा नही जलाया जाता
देश की न्याय व्यवस्था आखिर कब तक शांत रहेगी कानून के साथ ही हम सभी को जागरूक होना पड़ेगा अपने देश की बेटियो की आबरु बचाने इन बलात्कारियो को कानून की सुरक्षा से मुक्त कर स्वयं शीश कलाम करना होगा यूं इन मुजरिमो को सुरक्षित रख महापाप के भागी बनने से बचना होगा।(पत्रकार पि्यंका गौर)
<no title>बलात्कारियो को सुरक्षा देना महाश्रप